सोना की कीमतें वर्तमान में 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार हैं। हाल ही में, सोने की कीमतें बढ़ रही हैं और यह कई कारकों के कारण हो सकता है, जैसे कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार तनाव, मुद्रास्फीति और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता।
सोना एक लाख रुपये पार: सुनहरी चमक या आम आदमी की चिंता ?
सोना 1 लाख रु० पार New Record
एक समय था जब सोना सिर्फ़ गहनों का हिस्सा नहीं, बल्कि घर की शान और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता था। दादी माँ के बक्से में रखी पीली चमक, त्योहारों में चूड़ियों और हारों की रौनक, और शादी-ब्याह के मौके पर दूल्हन के गहनों का भार — ये सब सुनहरे दिनों की याद दिलाते हैं। लेकिन आज, वही सोना एक लाख रुपये प्रति तोला के पार पहुँच गया है, और इसकी बढ़ती कीमतें अब आम आदमी के लिए चिंता का विषय बन चुकी हैं।
सोना 1 लाख रु० पार New Record
- 24 कैरेट सोना: ₹1,01,400 – ₹1,03,320 प्रति 10 ग्राम
- 22 कैरेट सोना: ₹92,950 – ₹94,710 प्रति 10 ग्राम
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सोना की कीमतों में बदलाव:
- पिछले कुछ दिनों में, सोने की कीमतों में ₹500 से अधिक की बढ़ोतरी हुई है।
- साल 2025 में, सोने की कीमतों ने नया शिखर छू लिया है और यह ₹25,244 महंगा हो गया है।

सोना की कीमतों को प्रभावित करने वाले कारक:
- अंतरराष्ट्रीय व्यापार तनाव
- मुद्रास्फीति
- वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता
- मांग और आपूर्ति
- सरकारी नीतियां और कर
सोने का सफ़र: खेत से लेकर तिजोरी तक
सोना धरती की गहराई से निकलता है, फिर पिघलाया, ढाला और नक्काशी के बाद गहनों का रूप लेता है। लेकिन यह सफर इतना आसान नहीं है। खनन, प्रोसेसिंग और अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव — ये सब इसकी कीमत को प्रभावित करते हैं।
बीते कुछ महीनों में, अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी और महंगाई के दबाव ने सोने को नई ऊँचाइयों पर पहुँचा दिया है। पहले जो सोना 50,000 रुपये प्रति तोला मिलता था, अब उसकी कीमत लगभग दोगुनी हो चुकी है।

क्यों बढ़ रहा है सोने का दाम?
- अंतरराष्ट्रीय तनाव – युद्ध, राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक मंदी में लोग सोने में निवेश करना सुरक्षित मानते हैं।
- रुपये की गिरावट – डॉलर महंगा होने पर सोना भी महंगा हो जाता है।
- मांग में वृद्धि – शादी-ब्याह का सीजन और त्यौहारों में सोने की मांग बढ़ जाती है।
- निवेश का आकर्षण – स्टॉक मार्केट में अस्थिरता के दौरान लोग सोने में पैसा लगाते हैं।
आम आदमी की मुश्किलें
जहाँ अमीर वर्ग के लिए सोना एक निवेश है, वहीं मध्यम और निम्न वर्ग के लिए यह शादी-ब्याह और सामाजिक प्रतिष्ठा का हिस्सा है। पहले लोग सालभर में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में सोना खरीद लेते थे, लेकिन अब इसकी कीमत इतनी बढ़ गई है कि आम परिवार के लिए सोने के गहने लेना एक सपना बनता जा रहा है।
उदाहरण:
कानपुर की रहने वाली रमा देवी कहती हैं –
“पहले हम हर साल बेटी के लिए थोड़ा-थोड़ा सोना जोड़ लेते थे। अब तो एक तोला खरीदने से पहले भी दस बार सोचना पड़ता है।”
बाजार में असर
- ज्वेलरी शोरूम – बड़े ब्रांडेड शोरूम पर अमीर ग्राहकों की भीड़ है, लेकिन छोटे ज्वेलर्स पर बिक्री घट गई है।
- गिरवी रखने का चलन – कई लोग जरूरत पड़ने पर पुराने गहने गिरवी रखकर पैसे जुटा रहे हैं।
- फेक गोल्ड का खतरा – महंगे दामों के चलते नकली सोने का धंधा बढ़ रहा है।
क्या सोना अभी भी खरीदना चाहिए?
विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर निवेश की दृष्टि से देखें तो सोना लंबे समय में फायदेमंद है, लेकिन अल्पकाल में इसमें उतार-चढ़ाव आते रहेंगे। अगर शादी या विशेष अवसर के लिए खरीदना जरूरी है, तो किस्तों में खरीदने की योजना अपनाना बेहतर रहेगा।
पुरानी कहावत आज भी सही
“सोना चाहे महंगा हो, लेकिन संकट में यही काम आता है।”
भारत में सोने का भाव केवल धातु का नहीं, बल्कि भावनाओं का भी है। यह पीढ़ी-दर-पीढ़ी हस्तांतरित होने वाली दौलत है, जो समय के साथ अपनी कीमत और महत्व दोनों बढ़ाती है।