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AIR SOW – Wings Of Freedom

भारत में स्वतंत्रता दिवस पर तोपों की सलामी और फाइटर प्लेन्स के प्रदर्शन का महत्व – 2025

भारत का स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को पूरे देश में गर्व और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह दिन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की कड़ी मेहनत, बलिदान और वीरता की याद दिलाता है। 15 अगस्त 1947 को भारत को ब्रिटिश साम्राज्य से स्वतंत्रता प्राप्त हुई थी, और तब से यह दिन हमारे राष्ट्रीय जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया है। स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह की शुरुआत दिल्ली के लाल किले से होती है, जहां प्रधानमंत्री राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। इसके बाद भारतीय सेना, पुलिस बल और बच्चों द्वारा किए गए विभिन्न प्रकार के प्रदर्शन होते हैं। इनमें सबसे प्रमुख हैं तोपों की सलामी और भारतीय वायुसेना द्वारा किया गया फाइटर प्लेन्स का एयर शो। इस ब्लॉग में हम इन दोनों महत्वपूर्ण आयोजनों के बारे में विस्तार से जानेंगे और समझेंगे कि ये क्यों इतने खास हैं।

1. तोपों की सलामी (Gun Salute)

स्थान: लाल किला, दिल्ली

लाल किले पर प्रधानमंत्री के द्वारा ध्वजारोहण के बाद भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा 21 तोपों की सलामी दी जाती है। यह तोपों की सलामी एक ऐतिहासिक परंपरा है, जिसे भारतीय सेना हर साल स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अवसर पर देती है।

21 तोपों की सलामी का महत्व

तोपों की सलामी एक प्रकार से सम्मान का प्रतीक है। यह भारतीय सेना की वीरता और बलिदान की याद में दी जाती है, जो हमारे स्वतंत्रता संग्राम के महान योद्धाओं के प्रति श्रद्धांजलि है। सामान्यतः, 21 तोपों की सलामी एक उच्च सम्मान की निशानी मानी जाती है और यह सिर्फ राष्ट्रप्रमुखों और विशिष्ट व्यक्तियों को दी जाती है। स्वतंत्रता दिवस पर यह सलामी भारतीय सशस्त्र बलों की ताकत और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बन जाती है।

लाल किले पर दी जाने वाली यह सलामी विशेष रूप से स्वतंत्रता संग्राम की उस ऐतिहासिक घटना को याद दिलाती है, जब हमारे देश ने 1947 में अंग्रेजों से अपनी स्वतंत्रता प्राप्त की थी। इसलिए यह तोपों की सलामी न केवल एक परंपरा है, बल्कि यह भारत की स्वतंत्रता की यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा भी है।

2. फाइटर प्लेन्स का प्रदर्शन (Fighter Planes Show)

स्थान: कर्तव्यपथ (पूर्व में राजपथ), दिल्ली

भारत के स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय वायुसेना द्वारा किए जाने वाले एयर शो का आयोजन दिल्ली के कर्तव्यपथ पर होता है। यह प्रदर्शन वायुसेना की तकनीकी क्षमता, ताकत और देश की सुरक्षा में उसके महत्वपूर्ण योगदान को दर्शाता है।

प्रमुख विमान

वायुसेना के द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर प्रदर्शित किए जाने वाले प्रमुख फाइटर प्लेन्स में शामिल हैं:

एयर शो के दौरान किए जाने वाले एरोबेटिक प्रदर्शन

एयर शो के दौरान वायुसेना के पायलट विभिन्न प्रकार के एरोबेटिक करतब करते हैं। इनमें विमान को सटीक रूप से एक-दूसरे के पास उड़ाने से लेकर, उच्च गति पर ज़िगज़ैग उड़ानें भरने और विभिन्न आकृतियों में उड़ान भरने तक शामिल होता है। इन करतबों से भारतीय वायुसेना की उच्चतम कौशलता और तकनीकी क्षमता का पता चलता है।

इन उड़ानों का मुख्य उद्देश्य भारतीय वायुसेना की ताकत को आम जनता के सामने लाना और देशवासियों को यह एहसास दिलाना है कि हमारे देश की सुरक्षा पूरी तरह से सक्षम हाथों में है। वायुसेना के पायलट अपनी उच्चतम उड़ान क्षमता और कठिन परिस्थितियों में भी विमान को नियंत्रित करने की दक्षता का प्रदर्शन करते हैं।

भारतीय ध्वज के रंगों में उड़ान

एक और विशेष बात जो इस एयर शो को खास बनाती है, वह है फाइटर प्लेन्स द्वारा भारतीय ध्वज के रंगों के साथ आकाश में ध्वज लहराना। यह दृश्य न केवल राष्ट्रीय गर्व को प्रेरित करता है, बल्कि भारतीय संस्कृति और एकता के प्रतीक के रूप में भी सामने आता है। जब विमान ध्वज के रंगों में आकाश में उड़ते हैं, तो यह भारतीय सैनिकों और जनता के बीच एक गहरा संबंध स्थापित करता है। (AIR SOW – Wings Of Freedom)

3. समारोह का समय और कार्यक्रम

भारत के स्वतंत्रता दिवस के समारोह की शुरुआत प्रधानमंत्री द्वारा लाल किले पर ध्वजारोहण से होती है। यह कार्यक्रम लगभग सुबह 7:30 बजे से 8:00 बजे तक होता है। उसके बाद, भारतीय सेना द्वारा तोपों की सलामी दी जाती है, जो एक प्रमुख आकर्षण है। इसके बाद, कर्तव्यपथ पर वायुसेना का एयर शो होता है, जो आमतौर पर 9:30 AM के आस-पास शुरू होता है। इस दौरान, वायुसेना के विभिन्न विमान उच्च गति से उड़ान भरते हैं और अपनी तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन करते हैं। इसके बाद भारतीय सैन्य बलों की परेड होती है, जिसमें विभिन्न ब्रिगेड, पुलिस बल और स्कूल के बच्चे अपनी प्रस्तुतियाँ देते हैं।

4. ध्यान देने योग्य बातें

निष्कर्ष

भारत के स्वतंत्रता दिवस पर तोपों की सलामी और फाइटर प्लेन्स के प्रदर्शन का महत्व बहुत गहरा है। यह न केवल स्वतंत्रता संग्राम के महान योद्धाओं को श्रद्धांजलि देने का तरीका है, बल्कि भारतीय सेना की ताकत, कौशल और समर्पण को भी पूरी दुनिया के सामने लाने का अवसर है। इन आयोजनों से हमें यह एहसास होता है कि भारतीय सेनाएं अपने देश की सुरक्षा में पूरी तरह से सक्षम और तैयार हैं। यह आयोजन भारतीय एकता, गौरव और स्वतंत्रता की भावना को मजबूत करने का एक प्रभावी माध्यम है।

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