₹9 लाख करोड़! जानिए अडानी की दौलत का असली सच!, भारत के सबसे प्रसिद्ध उद्योगपतियों में से एक हैं। वे अडानी समूह (Adani Group) के संस्थापक और चेयरमैन हैं, जो देश और विदेशों में व्यापार के कई क्षेत्रों में कार्यरत है, जैसे कि ऊर्जा, इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स, कृषि व्यवसाय, डेटा सेंटर, रक्षा और एयरोस्पेस। उनकी कहानी एक साधारण व्यवसायी से लेकर दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल होने तक की यात्रा को दर्शाती है।
इस लेख में हम जानेंगे गौतम अडानी की कुल संपत्ति कितनी है, उनके व्यवसाय का विस्तार कितना है, उनकी संपत्ति में उतार-चढ़ाव क्यों आता है और वे आने वाले समय में किस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।

गौतम अडानी: शुरुआत से लेकर शिखर तक
गौतम अडानी का जन्म 24 जून 1962 को गुजरात के अहमदाबाद शहर में हुआ था। वे एक मध्यमवर्गीय जैन परिवार से आते हैं। उनके पिता कपड़ा व्यापारी थे, लेकिन गौतम अडानी की रुचि पारंपरिक पारिवारिक व्यवसाय में नहीं थी। वे शुरुआत से ही कुछ अलग और बड़ा करना चाहते थे। उन्होंने गुजरात यूनिवर्सिटी में वाणिज्य (Commerce) की पढ़ाई शुरू की लेकिन बीच में ही पढ़ाई छोड़कर मुंबई चले गए।
मुंबई में उन्होंने हीरा उद्योग में काम किया और यहीं से उन्हें व्यापार की बारीकियाँ समझ में आईं। कुछ सालों बाद वे अहमदाबाद लौट आए और अपने भाई के साथ मिलकर एक प्लास्टिक कंपनी शुरू की, जो बाद में पीवीसी (PVC) का आयात करने लगी। यहीं से उनकी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार यात्रा की शुरुआत हुई।
अडानी समूह की स्थापना
1988 में, गौतम अडानी ने अडानी एंटरप्राइजेज की स्थापना की। यह कंपनी शुरुआत में कृषि वस्तुओं और ऊर्जा उत्पादों का आयात-निर्यात करती थी। लेकिन समय के साथ उन्होंने कंपनी का विस्तार कई अन्य क्षेत्रों में किया।
आज अडानी ग्रुप भारत की सबसे बड़ी निजी कंपनियों में से एक है, जिसकी उपस्थिति निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों में है:

- ऊर्जा उत्पादन और वितरण (Adani Power, Adani Green, Adani Transmission)
- पोर्ट और लॉजिस्टिक्स (Adani Ports & SEZ)
- खान और खनिज (Adani Mining)
- गैस वितरण (Adani Total Gas)
- हवाई अड्डा संचालन (Adani Airports)
- संचार और डेटा केंद्र (Adani Connex)
- नवीनतम में, मीडिया और रक्षा क्षेत्रों में भी प्रवेश किया है।
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गौतम अडानी की कुल संपत्ति (2025 में)
गौतम अडानी की संपत्ति समय के साथ बहुत तेजी से बढ़ी है, लेकिन इसमें कई बार भारी गिरावट भी आई है। वर्ष 2022 के मध्य तक, वे एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए थे और विश्व की सबसे अमीर लोगों की सूची में भी टॉप-5 में आ गए थे।
हालांकि, जनवरी 2023 में अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म Hindenburg Research की एक रिपोर्ट ने अडानी समूह पर कई गंभीर आरोप लगाए, जैसे कि स्टॉक की कीमतों में हेरफेर और अकाउंटिंग फ्रॉड। इस रिपोर्ट के चलते अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट आई और गौतम अडानी की संपत्ति में लगभग $100 अरब की गिरावट दर्ज की गई।
2025 की स्थिति (अगस्त तक):
हालिया आंकड़ों के अनुसार, गौतम अडानी की कुल संपत्ति $95 से $110 अरब (USD) के बीच आंकी जा रही है। भारतीय रुपये में यह लगभग ₹7.5 लाख करोड़ से ₹9 लाख करोड़ तक बैठती है। इससे वे एक बार फिर एशिया के शीर्ष अमीरों में गिने जाने लगे हैं।
संपत्ति में उतार-चढ़ाव के कारण

गौतम अडानी की संपत्ति मुख्य रूप से शेयर बाजार में सूचीबद्ध उनकी कंपनियों के प्रदर्शन पर निर्भर करती है। उनकी अधिकांश संपत्ति इक्विटी में है, जिसका मूल्य शेयर की कीमतों के अनुसार घटता-बढ़ता रहता है।
कुछ मुख्य कारण:
- बाजार की अस्थिरता – शेयर मार्केट में तेजी या मंदी अडानी की नेट वर्थ को तुरंत प्रभावित करती है।
- कंपनी पर लगे आरोप और विश्वास का संकट – जैसे 2023 में हुआ।
- सरकारी नीतियाँ और निवेशकों की धारणा – भारत सरकार की नीतियाँ, विदेशी निवेशकों की रूचि और कॉर्पोरेट गवर्नेंस की स्थिति इसका असर डालती है।
- नई परियोजनाओं में निवेश – अडानी लगातार नए क्षेत्रों में निवेश कर रहे हैं, जिससे जोखिम और संभावनाएँ दोनों जुड़ी होती हैं।
भविष्य की योजनाएँ और विस्तार

अडानी समूह अब भारत से बाहर भी अपना प्रभाव बढ़ा रहा है। उन्होंने श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश और इजराइल जैसे देशों में बड़ी परियोजनाओं में निवेश किया है। साथ ही वे ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में अरबों डॉलर का निवेश कर रहे हैं ताकि आने वाले वर्षों में दुनिया की सबसे बड़ी रिन्युएबल एनर्जी कंपनी बन सकें।
कुछ महत्वपूर्ण योजनाएँ:
- Adani Green Energy: 2030 तक 45 गीगावॉट रिन्युएबल क्षमता का लक्ष्य।
- Data Centers: AdaniConnex के जरिए भारत में हाई-टेक डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना।
- Hydrogen Energy: ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन में अग्रणी बनने की दिशा में काम।
निष्कर्ष
गौतम अडानी की कहानी भारत के उद्यमशीलता के उस पक्ष को उजागर करती है जहाँ साहस, दूरदृष्टि और जोखिम लेने की क्षमता से असंभव भी संभव बन जाता है। उनकी कुल संपत्ति भले ही समय के साथ बदलती रहे, लेकिन उनकी व्यावसायिक दृष्टि, जोश और विस्तार की योजना उन्हें भारत ही नहीं, विश्व के सबसे प्रभावशाली उद्योगपतियों में बनाए रखेगी।
उनकी यात्रा हर युवा उद्यमी के लिए एक प्रेरणा है कि सीमित संसाधनों के बावजूद, यदि लक्ष्य स्पष्ट हो और मेहनत निरंतर हो, तो सफलता अवश्य मिलती है।